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वहीं मिलेगा प्रेम || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2015)

2019-11-26 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२१ मार्च २०१५,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

अष्टावक्र गीता (अध्याय-१ श्लोक-२)
मुक्तिमिच्छसि चेत्तात्, विषयान विषवत्त्यज।
क्षमार्जवदयातोष, सत्यं पीयूषवद्भज॥

प्रसंग:
कहाँ मिलेगा प्रेम?




प्रेम माने क्या?
प्रेम कैसे पायें?
प्रेम के धोखे से कैसे बचें?