वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, 23.12.18, जयपुर, राजस्थान, भारत
प्रसंग:  
अगर कोई काफ़िर सौ साल भी बोलता रहे तो भी मैं विरोध नहीं करता, 
न ही मुझे थकान होती है क्योंकि जो थकता और विरोध करता है, 
मैंने उसे मार डाला है और तुम लोग शौंचालय में बैठे हुए कहते 
हो कि मुझे ज़न्नत की सुगंध से तरोताज़ा कर दो।
~सूफ़ी संत शम्स तबरेज़ 
~ बुरा कौन होता है?
~ बुरे से नफ़रत होनी चाहिए या बुराई से?
संगीत: मिलिंद दाते