शौर्य चक्र से सम्मानित रिटायर्ड कर्नल डॉ. दिवाकरन पद्म कुमार ने अग्निवीर योजना को लेकर कहा, भर्ती को ऐसे ही नहीं किया गया है, पहले और अब में फर्क है 1971 में जो युद्ध लड़े हैं, आईपीकेएफ और एजेंसीस में पूरा बदलाव आ चुका है जिस आर्मी को मैंने ज्वाइन किया था लेकिन आज वो आर्मी नहीं हैं, जिस आर्मी को मैंने ज्वाइन किया था उनके पास पेपर के मानचित्र होते थे, कंपास थे लेकिन आज मुझे नहीं पता लोग कैसे नक्शे देखते हैं आज टेक्नोलिजी की वजह से आप सब कुछ अपने मोबाइल फोन में देख सकते हैं. डॉ. दिवाकरन पद्म कुमार ने कहा, अग्निवीर उन प्रौद्योगिकी सक्षम युवाओं को पहचानने का अवसर है जो उच्च और प्रौद्योगिकी वाली सेवाएं देने में सक्षम हैं.