Surprise Me!

हरियाणा के कैथल में अब भी चल रही है 135 साल पुरानी पनचक्की, सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है इसका आटा

2025-09-23 20 Dailymotion

हरियाणा के कैथल जिले के पुंडरी में 135 साल पुरानी ये पनचक्की अब भी चालू हालत में है. सिरसा ब्रांच नहर पर बनी इस पनचक्की में गेहूं पिसवाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. बिजली की आटा चक्की के मुकाबले यह पनचक्की कम स्पीड से चलती है, लिहाजा इसका ठंडा होता है. यह 2 महीने तक खराब नहीं होता है और स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है. एक पनचक्की एक घंटे में 40 किलो गेहूं पीसती है. यहां पांच पनचक्की हैं, जिससे हर घंटे 2 क्विंटल गेहूं पीसा जा सकता है. 1890 में स्थापित यह पनचक्की नहर विभाग के अंतर्गत आता है और नहर विभाग की ओर से इसे ठेके पर चलाया जाता है. एक किलो अनाज पिसवाने के लिए यहां महज दो रुपये चार्ज किया जाता है। हालांकि यहां अनाज को तौलने की व्यवस्था नहीं है, लोग अंदाज के आधार पर अनाज पिसाई का चार्ज देते हैं. हरियाणा में ऐसी कई पनचक्कियां थीं, लेकिन धीरे-धीरे वो बंद हो गईं। पुंडरी के फतेहपुर गांव में बनी यह अकेली पनचक्की है.. तो 135 सालों से लगातार काम कर रही है.