पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को राजनीतिक नज़रिए से समझने की कोशिशें अक्सर गलतफहमी पैदा करती हैं....उन्होंने क कहा कि "बहुत से लोग 'संघ' को BJP के नज़रिए से समझने की कोशिश करते हैं, जो एक बहुत बड़ी गलती है".
उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग संघ के बारे में "झूठी बातें और सरासर झूठ" फैलाते हैं. उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे संघ बढ़ता है, कुछ लोगों को डर लगता है कि उनके निजी स्वार्थों को खतरा होगा। बहुत से लोग संघ का नाम जानते हैं, लेकिन उसका काम नहीं, जिससे गलतफहमी होती है. हम किसी को भी संघ को मानने के लिए मजबूर नहीं करना चाहते. लोग अपनी राय बनाने के लिए आज़ाद हैं, लेकिन वे राय तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, न कि कल्पना या दूसरे स्रोतों पर".
भागवत ने कहा कि संघ का कोई दुश्मन नहीं है, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी "संकीर्ण स्वार्थों की दुकानें" संगठन के बढ़ने पर बंद हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को RSS के बारे में राय बनाने का अधिकार है, लेकिन वह राय सच्चाई पर आधारित होनी चाहिए, न कि मनगढ़ंत कहानियों और दूसरे स्रोतों से मिली जानकारी पर".
उन्होंने कहा कि "RSS का कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है, संघ हिंदू समाज की भलाई और सुरक्षा के लिए काम करता है." उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि " देश फिर से 'विश्वगुरु' बनेगा, और "समाज को इस मकसद के लिए तैयार करना संघ का कर्तव्य है".
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने ये बातें संघ के 100 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कही.