Veer Bal Diwas 2025: वीर बाल दिवस पर OneIndia की यह विशेष प्रस्तुति हमें उस धरती तक ले जाती है, जिसे इतिहास ने
“दुनिया की सबसे कीमती ज़मीन” का दर्जा दिया। साल 1705 में, गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबज़ादे—
बाबा ज़ोरावर सिंह जी (9 वर्ष) और बाबा फ़तेह सिंह जी (7 वर्ष)—को सरहिंद के गवर्नर वज़ीर ख़ान के आदेश पर दीवार में ज़िंदा चुनवा दिया गया।
अत्याचार की पराकाष्ठा यहीं नहीं रुकी—उन्हें अंतिम संस्कार की अनुमति तक नहीं दी गई।
तभी आगे आए राजा टोडरमल, जिन्होंने अत्याचारी से वह ज़मीन खरीदी—
हर इंच के बदले सोने की मोहरें बिछाकर—ताकि साहिबज़ादों और माता गुजरी जी की अंतिम क्रिया संपन्न हो सके।
आज वही पवित्र भूमि गुरुद्वारा जोति स्वरूप के रूप में फ़तेहगढ़ साहिब में श्रद्धा का केंद्र है।
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